Tuesday, 19 May 2009

अमल जैन कहीं रावण तो नहीं !राम का जन्म हो चुका है

आज तो मैं लुमरई रूँगा....माफ़ कीजिएगा अमल जी ,बारी आपकी ही है।पिछले डेढ़ साल से आपने बिहार-झारखण्ड के पत्रकारों के बीच एक खौफ का वातावरण पैदा कर दिया है ,आपके न्यूज़ चैनेल ३६५ दिन के एक भी स्टाफ चैन से एक दिनभी नहीं जीया है. आपकी नीतिओंने तो कई को जेल भी डाल दिया है ,कई बार आपके खिलाफ आवाजे उठी पर मालिक के द्वारा दबा ही दी गई। मुझे तो लगता है की आप रावण की तरह अमर हो होकर जन्म लिए हैं ....अरे रे.रे.रे.रेरेरेरे ,ये मै क्या लिख दिया !आपकी तुलना विद्वान रावण से कर दिया ,हे ईश्वरमाफ़ करना .एक नापाक की तुलना रावण से कर दिया .....लिकिन क्या करता जैसे रावण को मारने के लिए उसकी नाभि नहीं मिल रही थी वैसे ही अमल जैन के शोषण को समाप्त करने के लिए इसकी भी नाभि नहीं मिल पा रही है।
कहा जाता है की ईश्वर के घर देर है ,अंधेर नहीं.......वध होगा ,जैसे देश को स्थाई सरकार मिल गयी है उसी तरह पोद्दार ग्रुप के रांची से प्रसारित न्यूज़ चैनेल ३६५ दिन को भी स्थाई सी ई ओ मिलेगा ,यहाँ भी राम राज आएगा ,रावण तेरा वध अवश्य ही होगा। रावण तेरी लीला समाप्त हो गयी है ,राम का जन्म हो चुका है .......आज हर शोषित पत्रकारों के अंदर राम जन्म ले चुके हैं ......सावधान .....तेरा कालनिश्चित है .......... .!

Wednesday, 13 May 2009

बाल पत्रिका "आईना" का दूसरा अंक बाज़ार में

बच्चों के कलम से निकलनेवाली बाल पत्रिका आईना का दूसरा अंक बाज़ार में आ गया है।इस पत्रिका की खास बात यही है की यह पत्रिका विशुद्ध रूप से बाल पत्रिका है जिसमें बच्चे अपनी बातों , विचारों को बेवाक होकर लिखते हैं .यहाँ तक की ये लोग किसी खास लोगों का इंटरव्यू तक लेते हैं.इस अंक में भोजपुर के पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार का इंटरव्यू लिए हैं। कहानियाँ,कवितायें ,लोककथाएं, अंधविश्वास के खिलाफ खुलकर अपनी बातें रखना ही आईना को और बाल पत्रिकाओं से अलग रखता है. बच्चे इस पत्रिका में ख़ुद को हवा की तरह स्वतंत्र महसूस करते है.ऐसा लगता है जैसे उन्हें अपना संसार मिल गया है जहाँ वो अपनी भावनाओं को अभिव्क्त करने में ज़रा भी झिझक नहीं होता। बाज़ार में लाने की कोशिश तो हुईहै देखना है की बच्चों की बातें बड़ों पर कितना प्रभावी होती है। आईना से कोई भी बच्चा जुड़ सकता है ,बस उन्हें अपनी बातें कार्टून,पेंटिंग,कहानी,न्यूज़,कविता आदि के रूप में लिख भेजना है.
यह आईना बिहार के छोटे शहर आरा से यवनिका संस्था के सहयोग से निकलती है जिसके 12000 सालाना ग्राहक हैं.इस पत्रिका का मकसद बच्चों को जागरूक बनाना साथ-ही-साथ समाज के हर आयामों से वाकिफ कराना भी है .आईनाके संपादक स्वयम्बरा है जिसे बच्चे दीदी कहते हैं .

Friday, 8 May 2009

कहानी न्यूज़ चैनेल ३६५ दिन की, हाय रे मिडिया

- अमल जैन का बर्ताव कितना घटिया है इसका पता अब उसके खासमखास लोगों को भी चल गया है. चैनल से सारे कोम्पेतेंत लोगों को निकाल देने के बाद उसने चैनल चलाने के लिए अपने साले, साली, बहनोई, बेटी,विफे ,ममेरा भाई, सगा भाई के आलावा मातृ ३-४ ख़ास लोगों को ही चूरा था, जो उसके एस मन थे. लेकिन चुनाव के दौरान जिन लोगों ने अमल की ओरे से सारे झारखण्ड में पसीना बहा कर कान्दिदातेस से अमल के लिए ६४ लाख की रिश्वत बटोरी थी, उन्हें भी अमल ने नहीं चोर. इन-पुट हेड रीतेश सर्रक को अमल पहले से तै की गयी कमीशन देने से मुकर गया. जब उसने कमीशन देने पैर ज्यादा जो़र दिया तो झगरा बढ़ गया और इन दिनों रीतेश सर्रक काम पैर नहीं आ रहे हैं. अमल ने रीतेश को पहले से तै कमीशन देने के बजाई उसके बारे में उलटा-सीधा प्रचार शुरू कर दिया है. अमल कह रहा है की रीतेश चुनाव में पैसा वसूल कर खा गया है.

२- ठीक इस्सी तेरह अमल ने
अलोक रंजन को इतना जलील कर दिया के उसने वापास गिरिडीह जा कर घर बैठना ज्यादा बेहतर समझा. सबको पता है के अलोक रंजन पहले वहाँ फिल्ड रिपोर्टर था और अमल व रीतेश का खासमखास था. सभी को निकलने के दौरान अमल ने अलोक रंजन को यह सोअच कर रांची बुला लिया थके अलोक भी ह र मेनेजर अ.वहाब की तेरह ही बेगैरत और बहिया इंसान है और रोअज़ १००-१०० गाली खा कर भी उसकी हाँ में हाँ मिलाता रहेगा.मगर अलोक रंजन गैरतमंद निकला और अमल के मुंह पैर रेसिग्न मार आकर चलता बना.

३- अब सिटी रिपोर्टर नीतेश रंजन के बात-- उसने जब वसूली राशिः में से कमीशन मांगने वालों का हाल देखा तो वो अपनी वसूली राशिः का कमीशन भूल गया. अमल ने ख़ुद जितना दिया , उसने चुपचाप जेब में दाल लिया. अज नीतेश एक्टिंग इनपुट हेड का काम संभाल रहा है.

४- ब्राडकास्टिंग डिपार्टमेन्ट के एइज़ज को अमल बिना कारण दो-दो बार सुस्पेंद कर चुका है.ऑफिस में अमल ने खुले आम कह दिया है की उसे वो यहाँ काम नहीं करने देगा. ये सारी कर्र्याही मुंह जुबानी है.कोई लिखित आर्डर एइजाज़ को नहीं दिया जाता है.

५-इ को ले कर ही झ चुनाव की वसूलार्खंड के १४ फिल्ड रिपोर्टर काफ़ी गुस्से में हैं. जिस जिस ने कमीशन माँगा उसी को गालियाँ दी गयीं. कुक्क कोतो सुस्पेंद कर दिया गया और ऐसे सभी जगहों के फिल्ड रिपोर्टर्स के लिए टिककर पैर ही वाकान्क्य चला दी गयी.

६- अमल ने रांची ऑफिस के एक ड्राईवर संजय को भी बिना कारन नौकरी से निकाल दिया. उसकी गलती ये थी की जब ऑफिस के ही एक अन्य ड्राईवर राज ने बार ही खतरनाक एक्सीडेंट कर दिया तो संजय ने अमल की बात नहीं मानी और इस एक्सीडेंट को अपने उप्पेर नही लिया और अपना लाइसेंस नहीं जमा किया. अमल को किसी निर्दोष ड्राईवर को फंसाने का क्या हक़ है.

७- अमल ने अपने सगे भाई अखिल जैन को फ़िर डेल्ही में रिपोर्टर रख लिया है. जिसकी पेर्मिस्सिओं ह.ओ. से लेने की ज़रूरत अमल ने नहीं समझी. अखिल इस से पहले डेल्ही में स्क्रैप ( कबरी) का काम करता था. ०७ माय को - जिस दिन के आखरी चरण के चुनाव थे अखिल दिल्ली से बार बार फोनों दे रहा था. उससे सुन सुन कर दर्शक ही नहीं ३६५ दिन में काम करने वाले लोअग भी अपने बाल नोअच रहे थे. अब एक कबरी जब सीरियस पॉलिटिकल मालों पैर फोनों देगा तो और क्या होगा ?
- ३६५ दिन लॉन्च कर पोद्दार ग्रुप झारखण्ड-बिहार का कोई भला कर पाया या नहीं, लेकिन बेरोअज्गार लोगों के पूरे खानदान को रोअज्गार देने का पुण्य ज़रूर कमाया . अमल, उसकी पत्नी, साला, साली, बहनोई, सगा भाई, बेटी, ममेरा भाई और कई रिश्तेदार फिल्ड रिपोर्टर्स-- सभी को रोअज्गार मिला . वोह भी मीडिया में !!! ख़ुद अमल , जिसके उप्पेर १८ घिनौने क्रिमिनल केसेस है , चैनल लाने के पहले एक खातर स्कूतरे पैर पिछले कई सालों से धक्के खा रहा था और कोई उसे स्ट्रिन्गेर रख्नेको भी तैयार नहीं था.वैसे अमल के सारे रिश्तेदार अल्रौंदर हैं. कैंटीन इन्चार्गे कैंटीन में समोसे टालते-टालते अचानक मके-उप रूम में किसी के आ जाने पैर तुंरत मके-उप भी करने लगती हैं. वाह !


९- इन दिनों अमल ने लोगों से यह बोलना शुरू कर दिया है की उसे हेड ऑफिस या पोद्दार जी भी चैनल से नहीं निकाल सकते हैं. अब ये बात कितनी सही है ये तो या तो अमल जाने या ह.ओ. वाले. लेकिन ये हकीकत है की अमल अभी और इससे वखत सीईओ की कुर्सी से हट कर जेल पंहुच सकता है. क्योंकी आदरणीय चेयरमैन ही अमल और हम लोगों के बीच अभी तक दीवार बने खरे है और हम लोगों ने उनसे प्रेस कांफ्रेंस कर के अमल के सारे क्रिमिनल केसेस का इत्तिहास सार्वजनिक करके झारखण्ड पुलिस से उसे बी.क./घोषित अपराधी घोषित करने और उसे बंद करने के कारवाही शुरू करने की पेर्मिस्सिओं मांगी हुई है. हम अभी कुछ दिन और पेर्मिस्सिओं का इन्तिज़ार करंगे. सारे कागज़ात तैयार हैं , सिर्फ़ फाइल करना बाकी है जो एक फ़ोन पैर ही वकील कर देगा.दिल्ली में अमल जैसे हजारों ४२० सरकों पैर घूमतें है और हम ऐसे दो-चार ४२० रोअज़ निबटाना जानते हैं. बस एक बार रेस्पेक्टेद चेयरमैन हमें पेर्मिस्सिओं तो दें. इद्धेर झारखण्ड पुलिस भूखे भेरियों की तेरह अमल को नोअच नोअच कर खाने को बेताब बैठी है.


१०- उप्दतेद लिस्ट ऑफ़ सीरियस क्रिमिनल केसेस अगेंस्ट अमल जैन :-

अमल के ख़िलाफ़ केसेस की एक झलक:

१- मर्डर केस
पुलिस स्टेशन:
निमिअघट

२- रैप केस
पुलिस स्टेशन
डुमरी

३-मर्डर केस
पुलिस स्टेशन
डुमरी

४- त्रेअसुरी लूट कांड
पुलिस स्टेशन
गिरिडीह
( ओने ऑफ़ थे सेवेन लूट अच्कुसेद, फ़िर लोद्गेद बी कमिश्नर हिम्सेल्फ़)

५- चेअटिंग/४२० केस
पुलिस स्टेशन
रांची
( कोल्लेक्टेद ५०,००० & १,००,००० एकाच फ्रॉम मोरे थान ४० पेरसोंस
प्रोमिसिंग तो अप्पोंत थेम कोर्रेस्पोंदेंत ऑफ़ जैन सॅटॅलाइट टीवी, बुत फैलेद तो दो सो.

६-फोर्गेरी केस
हज़रिबघ
केस नो. ४/२००६ दतेद ०७-०८-२००६

7- FORGERY CASE
HAZARIBAGH
CASE NO. TR 358/2008

8- CASE U/S I.P.C. 499 & 500
RANCHI


9- HTN CASE
GIRIDIH
( FLOATED A FRAUD COMPANY NAMED HTN- HINDUSTAN TELEMEDIA COMM.
OFFICE SITUATED AT 1ST FLOOR, BARA CHOWK, POLICE LINE MORE,
GIRIDIH AND EXTORTED MORE THAN 10 LACS FROM INDUSTRIALISTS AND
BUSINESSMEN AND FLED AWAY )

10- BHARATVARSHIYA DIGAMBAR JAIN SOCIETY CASE
MADHUBAN, PARASNATH
GIRIDIH
( BEING ORGANIZATION SECRETARY OF THIS ORGANISATION, COLLECTED MORE
THAN 12 LACS FROM VARIOUS JAIN ORGANIZATIONS OF INDIA AND THEN FLED AWAY )

11- MAAR-PEET/GUNDAGARDI/DANGA CASE
GIRIDIH

12- MAAR-PEET/GUNDAGARDI/ DANGA CASE
RANCHI

13- JAAN SE MAARNE KEE DHAMKEE
POLICE STATION- SADAR, RANCHI

14-ANTI NATIONAL ACTIVITIES CASE
RANCHI

15-CABLE OPERATOR RAJU BHATIA KE GHAR HAMLA,MAARPEET,
APHARAN KEE KOSHISH,JAAN SE MAARNE KE DHAMKI
POLICE STATION:BARIATU

16- CHAIN SNATCHING CASE
CO-ACCUSED: BROTHER & HIS WIFE

Thursday, 7 May 2009

कारनामा न्यूज़ चैनेल के सी ई ओ का

दोस्तों , यह उन पत्रकारों की खबरे है जो ३६५ दिन के सी ई ओ द्वारा शोषित हैं ---उनके रिपोर्टो को आपके सामने लेन की एक कोशिश .कृपया आप अपना मंत्ब्या ज़रूर दें
१- आखिरकार अमल का ब्रोठेर-इन-लव आशीष और राजदेव पाण्डेय पटना और बिहार के अन्य हिस्सों के तूफानी दौरे से लौट आए हैं. वे वहां लोकसभा चुनाव के प्रत्याशिओं से रुपया वसूली अभियान पैर गए थे. मगर उन्हें वहाँ झारखण्ड जैसी सफलता नहीं मिली .क्योंकी ३६५ दिन बिहार में कहीं भी नज़र नहीं आता. जिन ४ जिलों में ये है , वहाँ भी शहर के मातृ ३०% हिस्सों में. वोह ई ६०-६५ से ऊपर के नम्बर पैर- जो काफ़ी धुन्दला दिखाई देता हा. झारखण्ड में तो अमल ने चुनाव में ६४ लाख से ज्यादा रुपैया अपनी जेब में दाल लिया. लेकिन बिहार में आशीष और राजदेव करी म्हणत और बिहार के फिल्ड/ब्यूरो रिपोर्टर्स को न्यूज़ देने से रो़कने के बावजूद मातृ १९ लाख अमल के लिया ले कर आए हा
- अब रहा सवाल की चैनल के लिए वे क्या लाये? तो आपको बता दें के वे कंपनी के लिए लाखों के ऐसे अद्वेर्तिसेमेंट ले कर आए हैं जिनका भुगतान कभी नहीं होना है. दरअसल आजकल अमल ने अपने ब्रोठेर इन लव आशीष और अपने मार्केटिंग डिपार्टमेन्ट के एक ख़ास चमचे की मदद से ऐसे विग्यपानों का ढेर लगा देने की स्चेमे चला राखी है जिनकी पेमेंट आन ही नहीं है. ओकी ये अड़ जाली यानि फर्जी र.ओ. और कभी न कैश ओने वाले प.डी.क. के दम पैर बुक हो रहे हैं . मकसद है हेअदोफ्फिस ओ ये बताना की अब अमल की टीम अड़ भी बुक करने लगी है.लेकिन बिज़नस सिर्फ़ उसी को माना जाता है जितना नगद पैसा अकाउंट में आता है. ये शायद अमल नहीं जनता.


३- चैनल के रांची स्थित दफ्तर और स्टूडियो की बिल्डिंग के कोन्स्त्रुक्शन अमल ने क्या गुल खिलाएं हैं, ये पहले ही बताया जा चुका है. आज रांची में कुछ देर के लिए मौसम की पहली बरसात हुई. मगर एडिट बी, न्यूज़ रूम , स्टूडियो, मकर-पकर सब कुछ खतरे में पर गए क्योंकी छतों से पानी रिस-रिस कर मंहगे ऊईंण्ट्श्र के लिए खतरा बन गया. खतरा तो यहाँ के सैकरों कर्मचारिओं की जान तक को हो सकता है. यदि पूरी बिल्डिंग ई चाट को उखार कर दोबारा नईं बनाया गया. पूरी बरसात ऐसे कैसे निकलेगी , यह सोअच कर ही चैनल के कर्मियों के रोंगते खरे हो जाते हैं.

४- इन दिनों इन्टरनेट पैर अमल कुमार जैन के कारनामो की धूम मची है. ऐसी दर्ज़नों न्यूज़ साइट्स पैर ये कारनामे चमक रहे हैं जिन पैर हज़रून क्लिक रोअज़ लग रही हैं. ब्लॉग और गॉसिप वेबसाइट्स पैर अमल की नीचता के कारनामों पैर देश हर के पत्रकार चाट करतें हैं और उसके नाम पैर बार-बार थूकते हैं. आप भी इस तेरह की दो-चार साइट्स का मजा लें. सिर्फ़ नीचे दिए गए लिंक्स पैर बारी-बारी क्लिक करें:-






५- उप्दतेद लिस्ट ऑफ़ सीरियस क्रिमिनल केसेस अगेंस्ट अमल जैन :-

अमल के ख़िलाफ़ केसेस की एक झलक:

१- मर्डर केस
पुलिस स्टेशन:
निमिअघट

२- रैप केस
पुलिस स्टेशन
डुमरी

३-मर्डर केस
पुलिस स्टेशन
डुमरी

४- त्रेअसुरी लूट कांड
पुलिस स्टेशन
गिरिडीह
( ओने ऑफ़ थे सेवेन लूट अच्कुसेद, फ़िर लोद्गेद बी कमिश्नर हिम्सेल्फ़)

५- चेअटिंग/४२० केस
पुलिस स्टेशन
रांची
( कोल्लेक्टेद ५०,००० & १,००,००० एकाच फ्रॉम मोरे थान ४० पेरसोंस
प्रोमिसिंग तो अप्पोंत थेम कोर्रेस्पोंदेंत ऑफ़ जैन सॅटॅलाइट टीवी, बुत फैलेद तो दो सो.

६-फोर्गेरी केस
हज़रिबघ
केस नो. ४/२००६ दतेद ०७-०८-२००६

७- फोर्गेरी केस
हज़रिबघ
केस नो. त्र ३५८/२००८

८- केस उ/स इ.प.क. ४९९ & ५००
रांची

९- हतं केस
गिरिडीह
( फ्लोअतेद अ फ्रौड़ कंपनी नामेद हतं- हिंदुस्तान तेलेमेडिया कम.
ऑफिस सितुअतेद अत १श्र्ट फ़लूर, बार चौक, पुलिस लाइन मोरे,
गिरिडीह एंड एक्स्तोर्तेद मोरे थान १० लक्स फ्रॉम ईण्डूश्र्टीआळीश्र्ट्श्र एंड
बुसिनेस्स्में एंड फ्लड आवे )

१०- भारतवर्षीय दिगंबर जैन सोसाइटी केस
मधुबन, पारसनाथ
गिरिडीह
( बीइंग ओर्गानिज़शन सेक्रेटरी ऑफ़ थिस आरगेनाइजेशन, कोल्लेक्टेद मोरे
थान १२ लक्स फ्रॉम वरिओउस जैन ग़ँईआटीण्श्र ऑफ़ इंडिया एंड थें फ्लड आवे )

११- मार-पीट/गुंडागर्दी/दंगा केस
गिरिडीह

१२- मार-पीट/गुंडागर्दी/ दंगा केस
रांची

१३- जान से मारने की धमकी
पुलिस स्टेशन- सदर, रांची

१४-एंटी नेशनल अच्तिवितिएस केस
रांची

१५-केबल ओपेरटर राजू भाटिया के घर हमला,मारपीट,
अपहरण की कोशिश,जान से मारने के धमकी
पुलिस स्टेशन:बरिअतु

१६- चैन स्नात्चिंग केस
सीओ-अच्कुसेद: ब्रोठेर & हिस विफे

१७- फॅमिली रुन्निंग अ उन्रेगिस्तेरेड/उन्रेकोग्निसेद
& इल्लीगल स्कूल अत डुमरी, स्टेशन रोड, गिरिडीह

१८- सीरियस क्रिमिनल केसेस अगेंस्ट रेलातिवेस ऑफ़ अमल एंड तवो
एम्प्लोयीस वैरी क्लोसे तो हिम वोर्किंग इन ३६५ दिन
अगले बुलेटिन के साथ ज़ल्दी ही मिलेंगे, तब तक के लिया अग्ग्य देन.

३६५ दिन परिवार के हम सुब सदयस्य !!


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ज़रूरी श्र००ःणा

क्या आप भी अमल जैन की जालसाजी, घिनौनी हरकतों , गन्दी साजिश अथवा बेलगाम जुबां का शिकार हुई हैं ? आप बिना कारन निकाल दिए गए हों अथवा मजबूरी में हर रोअज़ ज़लालत सहते हुए काम करने को मजबूर हैं. अब घुट-घुट कर जिल्लत की जिंदगी जीने की ज़रूरत नहीं. अबनी आपबीती हमें फ़ौरन ऐ-मेल कर देन. रोअज्मार्रा की ख़ास घटनाओं और अमल के नै-नै जालसाजियों को भी हमें फ़ौरन ऐ-मेल कर दें. आपकी बात चेयरमैन और अन्य दिरेक्टोर्स