Thursday 7 May 2009

कारनामा न्यूज़ चैनेल के सी ई ओ का

दोस्तों , यह उन पत्रकारों की खबरे है जो ३६५ दिन के सी ई ओ द्वारा शोषित हैं ---उनके रिपोर्टो को आपके सामने लेन की एक कोशिश .कृपया आप अपना मंत्ब्या ज़रूर दें
१- आखिरकार अमल का ब्रोठेर-इन-लव आशीष और राजदेव पाण्डेय पटना और बिहार के अन्य हिस्सों के तूफानी दौरे से लौट आए हैं. वे वहां लोकसभा चुनाव के प्रत्याशिओं से रुपया वसूली अभियान पैर गए थे. मगर उन्हें वहाँ झारखण्ड जैसी सफलता नहीं मिली .क्योंकी ३६५ दिन बिहार में कहीं भी नज़र नहीं आता. जिन ४ जिलों में ये है , वहाँ भी शहर के मातृ ३०% हिस्सों में. वोह ई ६०-६५ से ऊपर के नम्बर पैर- जो काफ़ी धुन्दला दिखाई देता हा. झारखण्ड में तो अमल ने चुनाव में ६४ लाख से ज्यादा रुपैया अपनी जेब में दाल लिया. लेकिन बिहार में आशीष और राजदेव करी म्हणत और बिहार के फिल्ड/ब्यूरो रिपोर्टर्स को न्यूज़ देने से रो़कने के बावजूद मातृ १९ लाख अमल के लिया ले कर आए हा
- अब रहा सवाल की चैनल के लिए वे क्या लाये? तो आपको बता दें के वे कंपनी के लिए लाखों के ऐसे अद्वेर्तिसेमेंट ले कर आए हैं जिनका भुगतान कभी नहीं होना है. दरअसल आजकल अमल ने अपने ब्रोठेर इन लव आशीष और अपने मार्केटिंग डिपार्टमेन्ट के एक ख़ास चमचे की मदद से ऐसे विग्यपानों का ढेर लगा देने की स्चेमे चला राखी है जिनकी पेमेंट आन ही नहीं है. ओकी ये अड़ जाली यानि फर्जी र.ओ. और कभी न कैश ओने वाले प.डी.क. के दम पैर बुक हो रहे हैं . मकसद है हेअदोफ्फिस ओ ये बताना की अब अमल की टीम अड़ भी बुक करने लगी है.लेकिन बिज़नस सिर्फ़ उसी को माना जाता है जितना नगद पैसा अकाउंट में आता है. ये शायद अमल नहीं जनता.


३- चैनल के रांची स्थित दफ्तर और स्टूडियो की बिल्डिंग के कोन्स्त्रुक्शन अमल ने क्या गुल खिलाएं हैं, ये पहले ही बताया जा चुका है. आज रांची में कुछ देर के लिए मौसम की पहली बरसात हुई. मगर एडिट बी, न्यूज़ रूम , स्टूडियो, मकर-पकर सब कुछ खतरे में पर गए क्योंकी छतों से पानी रिस-रिस कर मंहगे ऊईंण्ट्श्र के लिए खतरा बन गया. खतरा तो यहाँ के सैकरों कर्मचारिओं की जान तक को हो सकता है. यदि पूरी बिल्डिंग ई चाट को उखार कर दोबारा नईं बनाया गया. पूरी बरसात ऐसे कैसे निकलेगी , यह सोअच कर ही चैनल के कर्मियों के रोंगते खरे हो जाते हैं.

४- इन दिनों इन्टरनेट पैर अमल कुमार जैन के कारनामो की धूम मची है. ऐसी दर्ज़नों न्यूज़ साइट्स पैर ये कारनामे चमक रहे हैं जिन पैर हज़रून क्लिक रोअज़ लग रही हैं. ब्लॉग और गॉसिप वेबसाइट्स पैर अमल की नीचता के कारनामों पैर देश हर के पत्रकार चाट करतें हैं और उसके नाम पैर बार-बार थूकते हैं. आप भी इस तेरह की दो-चार साइट्स का मजा लें. सिर्फ़ नीचे दिए गए लिंक्स पैर बारी-बारी क्लिक करें:-






५- उप्दतेद लिस्ट ऑफ़ सीरियस क्रिमिनल केसेस अगेंस्ट अमल जैन :-

अमल के ख़िलाफ़ केसेस की एक झलक:

१- मर्डर केस
पुलिस स्टेशन:
निमिअघट

२- रैप केस
पुलिस स्टेशन
डुमरी

३-मर्डर केस
पुलिस स्टेशन
डुमरी

४- त्रेअसुरी लूट कांड
पुलिस स्टेशन
गिरिडीह
( ओने ऑफ़ थे सेवेन लूट अच्कुसेद, फ़िर लोद्गेद बी कमिश्नर हिम्सेल्फ़)

५- चेअटिंग/४२० केस
पुलिस स्टेशन
रांची
( कोल्लेक्टेद ५०,००० & १,००,००० एकाच फ्रॉम मोरे थान ४० पेरसोंस
प्रोमिसिंग तो अप्पोंत थेम कोर्रेस्पोंदेंत ऑफ़ जैन सॅटॅलाइट टीवी, बुत फैलेद तो दो सो.

६-फोर्गेरी केस
हज़रिबघ
केस नो. ४/२००६ दतेद ०७-०८-२००६

७- फोर्गेरी केस
हज़रिबघ
केस नो. त्र ३५८/२००८

८- केस उ/स इ.प.क. ४९९ & ५००
रांची

९- हतं केस
गिरिडीह
( फ्लोअतेद अ फ्रौड़ कंपनी नामेद हतं- हिंदुस्तान तेलेमेडिया कम.
ऑफिस सितुअतेद अत १श्र्ट फ़लूर, बार चौक, पुलिस लाइन मोरे,
गिरिडीह एंड एक्स्तोर्तेद मोरे थान १० लक्स फ्रॉम ईण्डूश्र्टीआळीश्र्ट्श्र एंड
बुसिनेस्स्में एंड फ्लड आवे )

१०- भारतवर्षीय दिगंबर जैन सोसाइटी केस
मधुबन, पारसनाथ
गिरिडीह
( बीइंग ओर्गानिज़शन सेक्रेटरी ऑफ़ थिस आरगेनाइजेशन, कोल्लेक्टेद मोरे
थान १२ लक्स फ्रॉम वरिओउस जैन ग़ँईआटीण्श्र ऑफ़ इंडिया एंड थें फ्लड आवे )

११- मार-पीट/गुंडागर्दी/दंगा केस
गिरिडीह

१२- मार-पीट/गुंडागर्दी/ दंगा केस
रांची

१३- जान से मारने की धमकी
पुलिस स्टेशन- सदर, रांची

१४-एंटी नेशनल अच्तिवितिएस केस
रांची

१५-केबल ओपेरटर राजू भाटिया के घर हमला,मारपीट,
अपहरण की कोशिश,जान से मारने के धमकी
पुलिस स्टेशन:बरिअतु

१६- चैन स्नात्चिंग केस
सीओ-अच्कुसेद: ब्रोठेर & हिस विफे

१७- फॅमिली रुन्निंग अ उन्रेगिस्तेरेड/उन्रेकोग्निसेद
& इल्लीगल स्कूल अत डुमरी, स्टेशन रोड, गिरिडीह

१८- सीरियस क्रिमिनल केसेस अगेंस्ट रेलातिवेस ऑफ़ अमल एंड तवो
एम्प्लोयीस वैरी क्लोसे तो हिम वोर्किंग इन ३६५ दिन
अगले बुलेटिन के साथ ज़ल्दी ही मिलेंगे, तब तक के लिया अग्ग्य देन.

३६५ दिन परिवार के हम सुब सदयस्य !!


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ज़रूरी श्र००ःणा

क्या आप भी अमल जैन की जालसाजी, घिनौनी हरकतों , गन्दी साजिश अथवा बेलगाम जुबां का शिकार हुई हैं ? आप बिना कारन निकाल दिए गए हों अथवा मजबूरी में हर रोअज़ ज़लालत सहते हुए काम करने को मजबूर हैं. अब घुट-घुट कर जिल्लत की जिंदगी जीने की ज़रूरत नहीं. अबनी आपबीती हमें फ़ौरन ऐ-मेल कर देन. रोअज्मार्रा की ख़ास घटनाओं और अमल के नै-नै जालसाजियों को भी हमें फ़ौरन ऐ-मेल कर दें. आपकी बात चेयरमैन और अन्य दिरेक्टोर्स

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