Wednesday, 28 January 2009
हिटलर की कुर्सी खतरे में
हिटलर को बड़ी मुश्किल से आराम ही मिला था की उनकी कुर्सी हिलती नज़र आई।लुमरको जब इस बात की जानकारी हुई की हिटलर आजकल परेशां हैं तो भला लुमर को नींद कैसे आती.जब बात की तह में गया तो मालूम हुआ की ३६५ दिन न्यूज़ चैनेल के सीईओ अमल जैन उनकी हिटलरशाही की कुर्सी पर कब्ज़ा जमाना चाहते हैं। मैंने हिटलर साब से कहा की अब रेतिरेमेन्ट ले लीजिये .अब बुडे भी हो gaye हैं और आपका उतराधिकारी भी काफी टैलेंटेड है .पिछला दो साल का उसका कार्य काफी सराहनिये रहा है।मैनें देखा की हिटलर साब कोई डिसीजन लेने में हिचक रहे हैं तो फ़िर मुझे लगा की अभी इन्हे मैं समझा नहीं पाया हूँ। पिछले दो-ढाई साल में अमल ने लगभग सौ लोगों को अपने यहाँ से हटाया ही नहीं बल्कि उनका सेलरी का पैसा भी रख लिया है। न्यूज़ एडिटर एचआर हेड को ग़लत केस में फंसकर जेल भी भेजवाया। पटना ब्यूरो हेड को भी डिस्टर्ब किया। कोई उसके इच्छ के बिना पेशाब भी नहीं करने जा सकता ।उस सी ई ओ के ऊपर लगभग चौदह क्रिमनल केस है.अभी - अभी दो - चार दिन पहले उसके आतंक से तंग आकर आठलोगो ने ३६५ दिन छोड़ दिया जिसमे न्यूज़ एडिटर कमलेश सिंह,न्यूज़ एंकर विशाल आज़म ,प्रोड्यूसर स्वयाम्बरा , रिपोर्टर प्रशांत अस्सिस्टेंट प्रोड्यूसर मानस आदि हैं। ये सारे लोग चैनेल के नींव से ही जुड़े हुए थे जो अमल जी के शोषण को लगातार झेल रहे थे । -----तो सरकार हिटलर जी अब आपकी कुर्सी चली ही जायगी ,होशियारी इसी में है की आप स्वयं ही अपनी कुर्सी सौंप दे।
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