Monday 13 April 2009

शाश्वत का सहारा न्यूज़ ३६५ दिन टीवी को

आज लुमरई तो होगा ही ..... बहुत दिनों बाद आज लुमर को थोड़ा लुमरई करने का मौका मिला है। बड़े ही परेशां हाल थे सीईओ साब,उनका पूरा३६५ दिन का कुनबा ही त्रस्त था । पर ,बड़े ही भाग्शाली निकले अमल जी, पता नहीं कैसे उन्होंने अपने से नाराज़ पटना ब्यूरो के इंचार्ज संजय शाश्वत को पुनः मनाकर वापिस ३६५ दिन टीवी में लाये.शाश्वत आ तो गया .... लेकिन वो भी बेचारा ही बनेगा । किसी बन्दे पर विश्वास ही नहीं है ... पर इश्वर इस चैनल को लगातार चलानेमें अमल जी को मदद करें ।

वैसे पटना ब्यूरो चीफ के रूप में संजय शाश्वत तो ज्वाइन कर लिया है ,मगर उस बेचारे को झेलना पड़ रहा है । उसे रोज़ ही डराने की धमकी मिल रही है ,परन्तु लोगों को यह भी जानकारी है की मि शाश्वत आरा शहर के रहने वाले हैं और उनके पास आदमी जन की कमी नहीं है।
अब अमल जी को अपने विरोधियों से राहत तो मिल रहा है ,लेकिन उन्हें अपना विचार सकारात्मक बनाना ही पड़ेगा। अगर मीडिया में अपनी इज्ज़त बनाना होगा तो पोसिटिव कार्य करने होंगे खासकर पत्रकारों को पत्रकार समझाना होगा.जबकि मै जानता हूँ की अमल जी प्रखंड स्तर से अपनी पत्रकारिता की शुरुआत किए थे । ऐसे में उन्हें पत्रकारों का दर्द तो सबसे अधिक महसूस होना चाहिए।
संजय जी ,आप भी ज़रा बच के रहिएगा ,पता नहीं कब जैन साहब की लाठी आपकी ओरचल जाए ......खैर आप तो महान आत्मा हैं ,पता नहीं कौन सा गुल अमल जी आपको खिलाया है की आप फ़िर से ३६५ दिन में चले गए.ईश्वर आपकी रक्षा करे.........

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