Friday, 13 February 2009

बेल्ग्रामी - प्रेमियों को गिफ्ट

आज लुमरई नहीं ,वैलेंतीनपर बेल्ग्रामी बांटकर आप सबका मुहँ मीठा कराना ही लुमर का गिफ्ट होगा । चुकी आजकल प्रेम का बसंती बयार चारों ओरदिख रहा है तो भइया क्यों नहीं थोडी बात बेल्ग्रामी अर्थात खुरमा पर हो जाए। बिहार का आरा शहर अनेक मामलो में विश्व विख्यात रहा है.आराsऐ ही प्रसिद्ध गणितज्ञ डॉ वशिष्ठ नारायण ,जगजीवन बाबू ,रामसुभग सिंह,जैसी हस्तिया जुड़ी रही है ,इसी आरा से महज़ पञ्च किमी की दुरी पर है उदवंतनगर गाँव । इसी गाँवमें बेल्ग्रामी मिठाई बनती है जिसे बहुत लोग खुरमा के नाम से भी जानते है। छेना,चीनी से बनने वाला बेल्ग्रामी को पसंद करने वाले दिल्ली,मुम्बई, बंगलौर ,कलकाता ,मद्रास ही नहीं विदेशो में भी लोग ले जाते हैं।
रूप-रंग

देखने में बिल्कुल अनगढ़ की तरह दीखता है ,परन्तु अन्दर से मिठास के साथ साथ रसीला भी होता है। बिल्कुल भोजपुरी जवानों की तरह .भोजपुर के लोग बातचीत में जैसे लाठी मारवाभाषा की तरह बात करते हैं तथा व्लोग अन्दर से उतने ही कोमल ,मिठ्ठे तथा रसीले होते हैं .........तो साहबान लुमर भी इसी मिटटी का रहने वाला है और आप सबके खिदमत पेश करता है -बेल्ग्रामी बे .......ल ग्रा.........मी..........मीठा.....मीठा॥ प्यार ........भरा ...... रसीला............मुलायम .......

1 comment:

Priyambara said...

ye belgaraami ka description hai ya aapka? jo aapne apne baare mein ... se describe kiya tha.